Tuesday, 2 March 2021

माझ्या कविता 82

आप के आने से
अगर ये शाम हसीन होती है
तो हो जाने दो।

तरसती आँखे तुम्हे देखने से
अगर खुशी मे डूब जाए
तो डूब जाने दो।

आपको सीने को लगाने से
अगर दिल की आग बुझती है
तो बुझ जाने दो।

ये हसीन दिलरूबा इन्कार ना करना
अगर जलती है शमा दिल के मंदिर मे
तो जल जाने दो।